International Yoga Day 2025: शरीर के 7 चक्रों को सक्रिय करता है योग, जानिए कौन सा योगासन करना जरूरी

International Yoga Day 2025

International Yoga Day 2025:हर साल 21 जून को दुनियाभर के लोग अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं। योग करने से व्यक्ति में एक नई ऊर्जा का संचार होता है, जिससे आपके शरीर का हर अंग स्वस्थ रहता है। साथ ही इसका असर आपके शरीर के 7 चक्रों पर भी पड़ता है।

International Yoga Day 2025: वैदिक काल से ही योग हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। योग की महिमा ऐसी है कि यह न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। भारत समेत पूरी दुनिया योग करने के फायदों के बारे में जानती है और उन पर विश्वास भी करती है। हर साल 21 जून को दुनियाभर के लोग बड़े उत्साह के साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं। योग करने से व्यक्ति में एक नई शक्ति का संचार होता है, जो आपके शरीर के हर अंग को स्वस्थ रखने का काम करता है। इसके साथ ही यह आपके शरीर के 7 चक्रों को भी प्रभावित करता है।

आपके शरीर में मौजूद ये 7 चक्र ऊर्जा केंद्र सिर्फ आध्यात्मिक ही नहीं हैं, बल्कि ये आपके शरीर, मन और भावनाओं को स्वस्थ रखने की कुंजी भी हैं। चाहे आपने अभी-अभी योग करना शुरू किया हो या लंबे समय से कर रहे हों, अगर आप इन चक्रों को समझकर उन्हें सही तरीके से सक्रिय करते हैं, तो योग आपके शरीर पर और भी गहरा सकारात्मक प्रभाव डालता है। आइए जानते हैं शरीर में मौजूद इन 7 चक्रों के बारे में और कैसे अलग-अलग योग आसन इन्हें सक्रिय करके आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और शांति और संतुलन की ओर ले जाते हैं।

International Yoga Day 2025:क्या होते हैं 7 चक्र?:

शरीर में मौजूद इन ऊर्जा चक्रों की बात करें तो इनका मतलब एक तरह के खास बिंदुओं से है। आपके शरीर की ऊर्जा इन खास बिंदुओं पर जमा होती है। हर चक्र शरीर के किसी खास हिस्से में होता है और उसी हिस्से को उससे ऊर्जा मिलती है। अगर आपका मन शांत, खुश और तनाव मुक्त है तो आपके चक्र सही तरीके से काम करते हैं और शरीर ऊर्जावान बना रहता है।

कौन से होते हैं 7 च्रक
कौन से होते हैं 7 च्रक

International Yoga Day 2025:कौन से होते हैं 7 च्रक?

मूलाधार चक्र (Root Chakra) :लाल रंग का मूलाधार चक्र शरीर में रीढ़ की हड्डी के बिल्कुल नीचे होता है। ये चक्र जब कायम रहता है तो आपको जीवन में स्थिरता का एहसास होता है।

सैक्रल च्रक (Sacral Chakra) : दूसरा चक्र चक्र होता है, जो मूलाधार चक्र के ऊपर और मूलाधार चक्र (Solar Plexus Chakra) के नीचे होता है। आसान भाषा में कहें तो ये आपके शरीर में पेट के हिस्सों में होता है। नारंगी रंग के इस चक्र से आपके शरीर का जल तत्व बनता है।

मणिपुर चक्र (Solar Plexus Chakra) : पीले रंग का मालिक चक्र आपकी नाभि के पास होता है। यह आपके जीवन में दस्तावेज़ देता है, सहायता से आप आत्मविश्वास से उसे सुरक्षित रख सकते हैं और हर पर्सिटी को नियंत्रित कर सकते हैं।

अनाहत चक्र (Heart Chakra) :अनाहत चक्र हृदय के ठीक ऊपर छाती में मौजूद होता है। यह शरीर में मौजूद नीचे वाले चक्रों और ऊपर के चक्रों के बीच एक पुल के रूप में काम करता है। इस चक्र का रंग हरा या गुलाबी होता है और यह चक्र के अंगों को छूने और उन्हें प्यार देने की हमारी क्षमता को प्रभावित करता है।

विशुद्ध चक्र (Throat Chakra) : पूर्ण चक्र गले के हिस्सों में मौजूद होता है। नीले रंग का यह चक्र आपकी साफ-सफाई और अच्छे तरीके से देखने की क्षमता को प्रभावित करता है। जिन लोगों का यह चक्र बंद हो जाता है, उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए सही समय पर सही शब्दों का प्रयोग करना कठिन लगता है।

आज्ञा चक्र (Third Eye Chakra): यह चक्र आंखों के बीच में होता है और इसे भाई चक्र भी कहा जाता है। इंडिगो कलर के इस चक्र को आत्मा की आंख के रूप में देखा जा सकता है। यह चक्र आपका इंट्यूसन से शुरू होता है।आप जिसे छठी इंद्री कहते हैं, वह इसी चक्र की खास ताकतें हैं।

सहस्रार चक्र (Crown Chakra): सहस्रार या क्राउन चक्र, सबसे ऊंचा चक्र, सिर के ऊपर है। परपल या वाइट कलर का यह चक्र आध्यात्मिक रूप से पूरी तरह से संबंधित रहने की हमारी क्षमता को प्रभावित करता है।

किस चक्र को एक्टिवेट करने के लिए करना चाहिए कौन सा योग आसान?

किस चक्र को एक्टिवेट करने के लिए करना चाहिए कौन सा योग आसान
किस चक्र को एक्टिवेट करने के लिए करना चाहिए कौन सा योग आसान

1. मूलाधार चक्र के लिए:- इस चक्र को सक्रिय करने के लिए ऐसा कोई भी आसन करना चाहिए, जो कमर के हिस्सों की मांसपेशियों को सक्रिय करता हो। मूलाधार चक्र को अभ्यास के लिए वॉरियर प्लैज, ट्राइ प्लैज, उत्थित पार्श्व अंगुष्ठासन जैसे आसन करना चाहिए।

2. सैक्रल च्रक के लिए:-जब त्रिचक्र की बात आती है तो कोई भी ऐसा आसन करना चाहिए, जो एनस और नाभि के बीच के हिस्से को प्रभावित करता है। यह उपकरण के लिए चेयर पोजीशन, पादहस्तासन और पादंगुष्ठासन करना चाहिए।

3. मणिपुर चक्र के लिए:-मणिपुर चक्र को खोलने के लिए सभी कोर स्ट्रेंथनिंग पोज बहुत अच्छे होते हैं जैसे बोट पोज, क्रेन पोज, शलभासन, पुवोइत्तानासन, पश्चिमोत्तानासन, तोलांगुलासन, प्लैंक, साइड प्लैंक और मयूरासन.

4. अनाहत चक्र के लिए:-महिलाओं के लिए भी योगासन ऐसे होते हैं, जिनमें पीठ झुकाए जाएं वो अनाहत चक्र को अपनाने के लिए अच्छे होते हैं। इनमें कोबरा आसन, उष्ट्रासन या घुंघराला आसन, धनुरासन, चक्रासन या चक्र आसन शामिल हैं।

5.  विशुद्ध चक्र के लिए:-त्रिचक्र को सक्रिय करने के लिए घोड़े को खींचने वाले सभी आसन अच्छे साबित होते हैं। इन आसनों में हलासन, सर्वांगासन और मत्स्यासन शामिल हैं।

6. आज्ञा चक्र के लिए:-कोई भी आसन जो तीसरे नेत्र वाले भाग को सक्रिय करता है, वह अजना चक्र अर्थात आज्ञा चक्र के लिए अच्छा होता है। सभी उल्टे आसन चक्रों के लिए शानदार घटनाएँ होती हैं, जैसे सिर के बल खड़े होना या हाथ पर संतुलन बनाना।

7. सहस्रार चक्र के लिए:कोई भी आसन जो सिर के ऊपरी हिस्से को पोषण देता है, इस चक्र को ग्रहण करना अच्छा होता है। उलटे आसन के साथ-साथ सभी प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों सहस्र चक्र को अभ्यास में मदद मिलती है।

International Yoga Day 2025:ये भी देखें:-