12 दिनों के भीषण युद्ध के बाद इजरायल और ईरान के बीच युद्ध विराम पर सहमति बन गई है। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन में आयोजित एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
ईरान और इजरायल के बीच युद्ध विराम ने युद्ध की तपिश में जल रहे पश्चिम एशिया में पानी की ठंडी बौछार ला दी है। इस युद्ध को लंबा खींचना तीनों पक्षों के लिए विनाशकारी होता। ईरान की हवाई सुरक्षा पहले ही नष्ट हो चुकी थी। उसके परमाणु ठिकानों पर हमले से उसका मनोबल भी डगमगा रहा था। इजरायल की मुश्किलें भी अब बढ़ती जा रही थीं। ईरानी मिसाइलें अब अपने आप ही वहां घुस रही थीं। ऐसे में अमेरिका के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली थीं।
भू-राजनीतिक दरार: इजरायल-ईरान युद्धविराम पर सहमत
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि ईरान और इजरायल एक-दूसरे पर हमले रोकने पर सहमत हो गए हैं। उनका यह पोस्ट ईरान द्वारा ऑपरेशन अनकंडीशनल फतह नामक छह मिसाइलों को लॉन्च करने के कुछ घंटों बाद आया, जिसमें कतर में अल उदीद एयर बेस और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह ऑपरेशन मिडनाइट हैमर के तहत ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों के जवाब में किया गया था।
देश का संकट और रणनीतिक बैठक
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा और प्रमोद तिवारी ने ईरान पर अमेरिकी हमलों की निंदा न करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अमेरिका और इजरायल के साथ शांति वार्ता की अपील करने को कहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 25-27 जून के बीच चीन के शांदोंग में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे, जहां आतंकवाद विरोधी रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह वाराणसी में मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
पश्चिम बंगाल के कालीगंज में टीएमसी की विजय रैली के दौरान हुए बम विस्फोट में एक लड़की की मौत हो गई, जिसके चलते मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।