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खाद्य सुरक्षा योजना मे फॉर्म तो हो गया है पास, पर गेहूं कब मिलेगा?

भुमिका

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013,(NFSA 2013) जिसे खाद्य अधिकार अधिनियम के रूप में भी जाना जाता है, संसद द्वारा पारित एक भारतीय अधिनियम है जिसका उद्देश्य देश के 1.4 बिलियन लोगों में से लगभग दो तिहाई लोगों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराना है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013, 12 सितंबर 2013 को कानून में लागु किया गया था, जो 5 जुलाई 2013 से प्रभावी है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (NFSA 2013) भारत सरकार के मौजूदा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए कानूनी अधिकारों में परिवर्तित हो जाता है। इसमें मध्याह्न भोजन योजना, एकीकृत बाल विकास सेवा योजना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली शामिल हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 मातृत्व अधिकारों को मान्यता देता है। मध्याह्न भोजन योजना और एकीकृत बाल विकास सेवा योजना प्रकृति में सार्वभौमिक हैं जबकि पीडीएस लगभग दो-तिहाई आबादी (ग्रामीण क्षेत्रों में 75% और शहरी क्षेत्रों में 50%) तक पहुँचेगी।

राजस्थान खाद्य सुरक्षा योजना के लिए काफी समय से आवेदन भरे जा रहे हैं। जिन लोगों का नाम अभी तक खाद्य सुरक्षा सूची में नहीं जुड़ा है, वे अपना नाम ई-मित्र या CSC केंद्र के जरिए ऑनलाइन अप्लाई कर नाम जुड़वा सकते हैं। बहुत से लोगों ने पहले ही आवेदन किया था, उनमें से बहुत सो के फॉर्म अब अपलोड होकर अप्रूव हो गए हैं और उन्हें ई-मित्र या CSC केंद्र से सर्टिफिकेट भी मिल रहा है। अब लोगों के मन में सवाल है यह है कि जब फॉर्म अप्रूव हो गया है, तो गेहूं कब से मिलेगा? तो इस लेख में हम यही जानेंगे कि फॉर्म अपलोड और अप्रूव होने के बाद गेहूं मिलने में कितना समय लगेगा है और पूरी प्रक्रिया क्या है।

राजस्थान खाद्य सुरक्षा योजना

राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राहत देना है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 5 किलो गेहूं मुफ्त प्रदान किया जाता है। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं लेकिन आपका नाम अभी तक खाद्य सुरक्षा सूची (Food Security List) में शामिल नहीं है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। आप आसानी से अपना नाम इस सूची में जुड़वा सकते हैं।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 Aaj Ki Taza
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013

कौन-कौन लोग जुड़ सकते हैं खाद्य सुरक्षा योजना में?

राजस्थान के वे परिवार जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) आते हैं, जिनके पास कृषि योग्य भूमि नहीं है और जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹1 लाख से कम है, वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में अपना नाम जुड़वा सकते हैं।इस योजना का लाभ उठाने के लिए आपको अपने नजदीकी ई-मित्र या CSC केंद्र पर जाना होगा और नीचे बताए गए दस्तावेज साथ लेकर जाने होंगे:

जरूरी दस्तावेज:

इन दस्तावेजों के आधार पर आपका आवेदन किया जाएगा और पात्रता की पुष्टि होने पर आपका नाम खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल कर दिया जाएगा।

आधार सीडिंग और गेहूं वितरण प्रक्रिया

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 का लाभ पाने के लिए आपको अपने क्षेत्र के संबंधित DSO ऑफिस/BDO ऑफिस/EO ऑफिस से आधार सीडिंग करवानी होगी। जब आपका आवेदन स्वीकृत हो जाता है और आपको पात्रता प्रमाण पत्र (Eligibility Certificate) मिल जाता है, तो उसके बाद आमतौर पर 1 से 2 महीने का समय लग सकता है गेहूं प्राप्त होने में। लेकिन ध्यान रखें — यदि आपको प्रमाण पत्र मिल गया है, तो इसका मतलब है कि आपका नाम खाद्य सुरक्षा सूची में जुड़ चुका है, और अब आपको गेहूं लेने से कोई नहीं रोक सकता

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