Shubhanshu Shukla Axiom 4 Mission: मिशन के चार सदस्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से धरती पर लौटे। शुभांशु की वापसी का गवाह लखनऊ में उनका खूबसूरत परिवार भी बना, जिन्होंने इस खूबसूरत जगह का LIVE प्रसारण देखा। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के लिए उपयुक्त होने के लिए ग्रुप कैप्टन शुक्ला और चालक दल सात दिनों के क्रमिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
- भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर लौट आए हैं।
- ड्रैगनयान ने साढ़े 22 घंटे की यात्रा में यह यात्रा कैसे पूरी की?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से सफलतापूर्वक उतरने के बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पृथ्वी पर वापस आ गए हैं। एक्सिओम और नासा के सहयोग से आयोजित इस मिशन की अवधि 14 दिनों से बढ़ाकर 18 दिन कर दी गई थी, जिसके दौरान चालक दल ने 60 से ज्यादा प्रयोग किए।
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आइए 10 बिंदुओं को देखने का प्रयास करते हैं कि ड्रैगनयान के दौरान साढ़े 22 घंटे की यात्रा तय की गई।
- शुभांशु और तीन अन्य अंतरिक्षयात्री सोमवार को अनडॉकिंग से करीब दो घंटे पहले अंतरिक्षयान में सवार हुए और अपने अंतरिक्षयान में सवार हुए और अपने स्पेससूट पहने
- भारतीय समय समाचार सोमवार दोपहर 2:37 बजे अंतरिक्षयान को आईएसएस से जोड़ने वाले हैच को बंद कर दिया गया। अंतरिक्षयान की जांच की।
- इसके बाद स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्षयान एआईएसएस से अलग हुआ। अनडॉकिंग (आईएसएस से अंतरिक्षयान से अलग होना) की प्रक्रिया सोमवार को भारतीय समयनुसार शाम करीब 4:45 बजे हुई।
- अनडॉकिंग के बाद कक्षीय प्रयोगशाला से दूर जाने के लिए उसने थ्रस्टर्स फायर किए गए।- 28 हजार किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से यात्रा करते हुए ड्रैगन अंतरिक्षयान ने धरती के वायुमंडल में पहुंचा। इस दौरान तीव्र घर्षण के कारण 1600 से 1,900 डिग्री सेल्सियस तापमान का सामना करना पड़ाए।
- सुरक्षात्मक हीट शील्ड ने अंतरिक्षयान को जलने से बचाया। हीट शील्ड एक सुरक्षात्मक परत है जो अंतरिक्ष यान को वायुमंडल में पुन: प्रवेश करते समय गर्मी से बचाती है।
- इस क्षेत्र से गुजरने के बाद अंतरिक्षयान की गति धीरे धीरे कम हुई। समुद्र तल से लगभग 5,500 मीटर ऊपर, दो छोटे ड्रोग पैराशूट अंतिरक्षयान को स्थिर करने के लिए खुले। कुछ समय बाद चार बड़े मुख्य पैराशूट खुले।
- कुछ ही मिनटों बाद अंतरिक्षयान ने प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर स्प्लैशडाउन की प्रक्रिया पूरी हुई। किसी अंतरिक्षयान के पानी में उतरने को स्पलैशडाउन कहते हैं।
- स्पलैशडाउन के बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्षयान को रिजर्व जहाज ‘शैनन’ के ऊपर ले जाया गया, जहां शुभांशु और अन्य अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्षयान से मुद्रा में बाहर निकले। बैचलर शिप में चिकित्सा और तकनीकी टीमें थीं।
- एआईएसएस ने तीन सप्ताह तक भारहीनता की स्थिति में रहने के बाद पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण के साथ मिलकर तालमेल बिठाने के लिए अंतरिक्ष यात्रियों की ”ग्राउंड स्टाफ’ में मदद की।
- Shubhanshu Shukla Axiom 4 Mission के चालक दल की जहाज पर ही कई चिकित्सा जांच की गई। इसके बाद उन्हें वापस तट पर जाने के लिए हेलीकाप्टर में बैठाया गया। अब अंतरिक्षयात्रियों को पुनर्वास कार्यक्रम (लगभग सात दिन) से गुजरना होगा ताकि वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल हो सके।
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