Thug life review ठग लाइफ़ समीक्षा

Thug life review

फिल्म का सारांश (Movie Summary)

एक बूढ़ा गैंगस्टर उस युवक से टकराने को मजबूर हो जाता है जिसे उसने खुद अपने साथ रखा, पाला और अपना उत्तराधिकारी बनाया था।

ठग लाइफ़ समीक्षा Aaj Ki Taza

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फिल्म से उम्मीदें और हकीकत (Expectations vs Reality)

मणिरत्नम और कमल हासन जैसे दो दिग्गजों की जोड़ी जब नायकन के तीन दशक बाद दोबारा साथ आती है, तो दर्शकों की उम्मीदें स्वाभाविक रूप से आसमान छूती हैं। लेकिन ठग लाइफ में इन दोनों ने मिलकर जो पेश किया, वो उनकी सबसे कमजोर प्रस्तुतियों में से एक है। फिल्म न तो भावनात्मक रूप से जुड़ती है और न ही दर्शकों को बांधे रखती है।

फिल्म की कहानी (Storyline)

कहानी रंगराय शक्तिवेल (कमल हासन) नाम के गैंगस्टर के इर्द-गिर्द घूमती है जो अमरन नाम के एक लड़के को गलती से तबाह कर देता है और फिर उसे पाल-पोस कर अपना बनाता है। अमरन का पिता शक्तिवेल के कारण मारा जाता है, और वह उसकी खोई बहन चंद्रा को ढूंढकर प्रायश्चित करना चाहता है।

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समय के साथ अमरन (सिलंबरसन टीआर) एक तेज-तर्रार गैंगस्टर बनता है और शक्तिवेल का भरोसेमंद साथी बनता है। पर शक्तिवेल को नहीं पता कि उसका असली दुश्मन बाहर नहीं बल्कि उसके अपने लोगों में ही छिपा है—उसका भाई मणिकम और野 महत्वाकांक्षी पाथ्रोस, जो अमरन को उसके खिलाफ कर देते हैं।

किरदार और सब-प्लॉट्स (Characters & Subplots)

पहले भाग में फिल्म की गति धीमी जरूर है, लेकिन किरदारों की एंट्री उत्सुकता जगाती है:

  • इंद्राणी (त्रिशा): एक पूर्व गायिका जिसे शक्तिवेल अपनी प्रेमिका बना लेता है।
  • जयकुमार रायप्पा (अशोक सेलवन): ईमानदार पुलिस अफसर जो गैंगस्टरों को खत्म करना चाहता है।
  • दीपक (अली फज़ल): जो अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता है।
  • चंद्रा की तलाश: एक रहस्यमयी सब-प्लॉट जो दिलचस्प लगती है।

दूसरे भाग की कमजोरियाँ (Weaknesses in the Second Half)

फिल्म का दूसरा भाग निराशाजनक है। सब-प्लॉट्स अधूरे लगते हैं, अमरन लंबे समय तक गायब रहता है और फिल्म का फोकस बिखर जाता है। शक्तिवेल के बार-बार चमत्कारिक रूप से बच निकलने वाले दृश्य अति-नाटकीय लगते हैं। सदानंद और दीपक जैसे विलेन कमजोर पड़ जाते हैं और क्लाइमेक्स अनुमानित हो जाता है।

संगीत और तकनीकी पक्ष (Music & Technical Aspects)

ए.आर. रहमान का म्यूजिक इस बार दिल को छूता नहीं है। बैकग्राउंड स्कोर भी बिखरा हुआ लगता है। हालांकि, रवि के. चंद्रन की सिनेमैटोग्राफी फिल्म को एक विजुअल ट्रीट जरूर बनाती है।

Thug life review

क्या अच्छा है? (What Works)

  • शानदार विजुअल्स और सिनेमैटोग्राफी
  • शक्तिवेल और अमरन का टकराव
  • चंद्रा की गुमशुदगी का रहस्य

क्या नहीं जमता? (What Doesn’t Work)

  • कमजोर लेखन और किरदार विकास
  • बेमतलब की क्लिच और अनुमानित कहानी
  • इमोशनल कनेक्ट की कमी
  • रहमान का औसत संगीत

निष्कर्ष (Conclusion)

ठग लाइफ में जितनी संभावना थी, उतनी गहराई नजर नहीं आती। यह फिल्म न तो दिल छूती है और न ही मणिरत्नम-कमल हासन की जोड़ी से जुड़ी उम्मीदों पर खरी उतरती है। यह एक चूक हुई मौका लगता है, जिसमें प्रतिभा तो है, लेकिन उसका सही उपयोग नहीं किया गया।